आरती गोपिकारमण ..२
गिरिधरनकी निरख व्रजयुवति आनंदभीनी ||
मणि खचित थार घनसार वातो बरें
ललित ललितादि सखी हाथलीनी || १ ||

बिहरत श्रीकुंज सुखपुंज पियसंग मिल विविध
भोजन किये रूचि नवीनी ||
प्रकट परमानंद नवल विट्ठलनाथदास
गोपाल लघु कृपाकीनी || २ ||