भजसखी हरिगोवर्धन रानो || …. (२)
तुलसी वल्लभ कमलावाल्लभ
राधावल्लभ बानो || १ ||

जाके तेजप्रताप रूप बल
नहीं उपमा कों आनो ||
प्रतिदिन तरुण लावण्य सागरमें
लजिबूडत शशि भानो || २ ||

गोपीनाथ सुयश रसलम्पट
मधुप करत गुणगानो ||
ताकी ओट रटत कृष्णदास
सखी चातक अम्बुदमानो || ३ ||